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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

तेरे ईश्क़ में जालिम बदनाम हो गए


बेपर्दा तो अब हम सरेआम हो गए,
तेरे ईश्क़ में जालिम बदनाम हो गए |

सम्मोहन विद्या तूने ऐसी चलाई,
दो पल में हम तेरे गुलाम हो गए |

छोड़ दिया खाना जब याद में तेरे,
दो हफ्तों में ही चूसे हुए आम हो गए |

चुराया था तूने जबसे चैन को मेरे,
रात सजा और दिन मेरे हराम हो गए |

जुदाई तेरी मुझसे जब सही न गई,
खाली कितने जाम के जाम हो गए |

गम में तेरे कुछ इस कदर रोया,
हृदय के भीतर कोहराम हो गए |

सोचता रहा मैं दिन-रात ही तुझे,
खो दिया सबकुछ, बेकाम हो गए |

समझा था मैंने, तुझे सारे तीरथ,
सोचा था तुम ही मेरे धाम हो गए |

पता नहीं क्या-क्या सपने सँजो लिए,
फोकट में ही इतने ताम-झाम हो गए |

चक्कर में तेरे जिस दिन से पड़ा,
उल्टे-पुल्टे मेरे सारे काम हो गए |

फेसबुक में देखा तो हूर थी लगी,
मिला तो अरमाँ मेरे धड़ाम हो गए |

कस जो लिया तूने बाहों में अपने,
लगने लगा जैसे राम नाम हो गए |

एक बार तो मुझको ऐसा भी लगा,
चाहतों के मेरे क्या अंजाम हो गए |

टॉप-अप जो तेरा बार-बार करवाया,
कपड़े तक भी मेरे नीलाम हो गए |

चाहकर तुझको शायद पाप कर लिया,
नरक में जाने के इंतजाम हो गए |

चबाया है तूने ऐसे प्यार को मेरे,
प्यार न हुआ, काजू-बादाम हो गए |

आंसुओं से तूने कुछ ऐसे भिगाया,
बार बार मुझको जुकाम हो गए |

घेरे से छुटकर अब लगता है ऐसे,
आम के आम, गुठलियों के दाम हो गए |

बेपर्दा तो अब हम सरेआम हो गए,
तेरे ईश्क़ में जालिम बदनाम हो गए |

6 टिप्‍पणियां:

  1. वाह-वाह क्या बात है
    बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही उम्दा लिखा है प्रदीप भाई बधाई स्वीकारें

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह ||

    कमाल धमाल .बेमिसाल हास्य गजल...

    शानदार....

    शानदार....

    शानदार...

    :-)

    जवाब देंहटाएं
  4. koi simple comment box nahi laga sakate 7-8 minute chala gaya..:-):-)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. लीजिये रीना जी, पुराना वाला ही कोमेंटिंग सिस्टम लगा दिया फिर से | अब 7-8 मिनट नहीं जाएगा | 2-3 में ही हो जाएगा |
      सलाह के लिए धन्यवाद |

      हटाएं
  5. बहुत बढ़िया.....सभी रसों से सराबोर रचना....
    हाँ इस सरल कमेन्ट बॉक्स का शुक्रिया...

    अनु

    जवाब देंहटाएं

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