कुछ तो ख्याल किया होता
जिनने जीवन भर प्यार किया ,
उन्हें कुछ तो प्यार दिया होता
मेरा ना मेरी बुजुर्गियत ,
का कुछ तो ख्याल किया होता
छोटे थे थाम मेरी उंगली ,
तुम पग पग चलना सीखे थे,
मै डगमग डगमग गिरता था,
तब मुझको थाम लिया होता
जब तुम पर मुश्किल आई तो ,
मैंने आगे बढ़ ,मदद करी,
जब मुझ पर मुश्किल आई तो,
मेरा भी साथ दिया होता
मैंने तुमसे कुछ ना माँगा ,
ना मांगू ,ये ही कोशिश है,
अहसानों के बदले मुझ पर,
कुछ तो अहसान किया होता
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र 15,16,17 का सार
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पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र : 15 , 16 ,17
महर्षि पतंजलि अपनें कैवल्य पाद सूत्र - 15 में कह रहे हैं ,
“ एक वस्तु चित्त भेद के कारण अलग - अलग दिखती है ” । अब ...
3 घंटे पहले
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