जूताचोर
यूरोप के चर्चों में देखा ,सब जूते पहने जाते है
तुर्की की मस्जिद में जूते ,संग थैली में ले जाते है
हम तो मंदिर के बाहर ही,है जूते खोल दिया करते
एसा लगता उन देशों में ,हैं जूते चोर बहुत बसते
घोटू
नयन स्वयं को देखते न
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नयन स्वयं को देखते न हम हमीं को ढूँढते हैं पूछते फिरते कहाँ हो ?हम हमीं को
ढूँढते हैं पूछता ‘मैं’ ‘तुम’ कहाँ हो ?खेल कैसा है रचाया अश्रु हर क्योंकर
बहाया, ...
20 घंटे पहले
जूते चोर हमारे यहाँ भी है।
जवाब देंहटाएंवाह...सुंदर
जवाब देंहटाएंलेखनी के वीर |
जवाब देंहटाएंव्यंग्य के तीर -
छोड़ कर घायल करते हैं-
'सुस्ती'के दुश्मन को|
गुदागुगाते हैं ये मन को ||
dhanywaad
जवाब देंहटाएंSuperb👌👌👌👌👌
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