जीवन पथ
जीवन की इतनी परिभाषा
कभी धूप है,कभी कुहासा
आते मौसम यहाँ सभी है
पतझड़ कभी ,बसंत कभी है
कभी शीत से होती सिहरन
लू से गरम ,कभी तपता तन
देता पावस कभी दिलासा
जीवन की इतनी परिभाषा
जीवन में संघर्ष बहुत है
पीड़ा भी है,हर्ष बहुत है
सुख दुःख दोनों का ही संगम
होता है जीवन का व्यापन
कभी खिलखिला ,कभी रुआंसा
जीवन की इतनी परिभाषा
फूल खिलेंगे ,कुम्हलाएँगे
भले बुरे सब दिन आयेंगे
पथ है दुर्गम,कितनी मुश्किल
चलते रहो ,मिलेंगी मंजिल
बुझने मत दो ,मन की आशा
जीवन की इतनी परिभाषा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
जीना है जीवन भूल गए
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जीना है जीवन भूल गए जब संसार सँवारा हमने मन पर धूल गिरी थी आकर, जग पानी
पी-पी कर धोया मन का प्रक्षालन भूल गए !नाजुक है जो, जरा ठेस से आहत होता,
किरच चुभे ...
1 दिन पहले
बुझने मत दो मन की आशा
जवाब देंहटाएंजीवन की इतनी परिभाषा ।
सुदर आशावादी रचना .
DHANYWAD
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