परिधान-पर दो ध्यान
आदमी का पहनावा ,आदमी के जीवन में,
काफी महत्त्व रखता है
कसी जींस या सूट पहन कर,आदमी जवान ,
और फुर्तीला दिखता है
ढीले ढाले से वस्त्र पहनने से ,ढीलापन और,
सुस्ती सी छा जाती है
जैसे नाईट सूट पहनने पर सोने को मन करता
और नींद सी आजाती है
,सजधज कर रहने वाले,न सिर्फ जवान दिखते है,
ज्यादा दिन टिकते है
अच्छी तरह पेक किये गए सामान,कैसे भी हों,
पर मंहगे बिकते है
इसीलिये,लम्बा सुखी जीवन जीना है तो श्रीमान,
अपने परिधान पर दो ध्यान
सजेधजे रहोगे तभी खींच पाओगे सबका ध्यान ,
और पाओगे सन्मान
घोटू
पतंजलि अष्टांगयोग का आठवां अंग समाधि
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पतंजलि अष्टांग योगका
आठवां अंग समाधि
पतंजलि योग सूत्र दर्शन में अष्टांगयोग का आठवां अंग समाधि है और तीन प्रकार
की समाधियों ( संप्रज्ञात , असंप्रज्ञात ...
7 घंटे पहले
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार (21-12-2012) के चर्चा मंच-११०० (कल हो न हो..) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!