पक्षपात
जब होता है समुद्र मंथन
तो दानव और देवता गण
करते है बराबर की मेहनत
पर जब निकलता है अमृत
तो विष्णु भगवान,मोहिनी रूप धर
सिर्फ देवताओं को अमृत बाँट कर
स्पष्ट ,करते पक्षपात है
बरसों से चली आ रही ये बात है
जो सत्ता में है,राज्य करते है
अपने अपनों का घर भरते है
अपनों को ही ठेका और प्रमोशन
टू जी ,या कोल ब्लोक का आबंटन
देकर परंपरा निभा रहे है
तो लोग क्यों हल्ला मचा रहे है ?
घोटू
एक ख़त बीते लम्हों के नाम... संध्या शर्मा
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एक ख़त लिखना चाहती हूँ मैं,
उन गुजरे पलों के नाम,
जो छू गए थे मन को कभी
और खो थे वक़्त के अंधेरों में।
काग़ज़ पे उतर आएँगे,
कुछ धुंधले से चेहरे,
...
16 घंटे पहले
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