पक्षपात
जब होता है समुद्र मंथन
तो दानव और देवता गण
करते है बराबर की मेहनत
पर जब निकलता है अमृत
तो विष्णु भगवान,मोहिनी रूप धर
सिर्फ देवताओं को अमृत बाँट कर
स्पष्ट ,करते पक्षपात है
बरसों से चली आ रही ये बात है
जो सत्ता में है,राज्य करते है
अपने अपनों का घर भरते है
अपनों को ही ठेका और प्रमोशन
टू जी ,या कोल ब्लोक का आबंटन
देकर परंपरा निभा रहे है
तो लोग क्यों हल्ला मचा रहे है ?
घोटू
सारे माला के मनके हैं
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सारे माला के मनके हैं सच के सपने देखा करता माया में रमता निशदिन मन, जाने
किसने बंधन डाले मुक्त सदा ही मुरली की धुन ! अग्निशिखा सा दिप-दिप करता भीतर
कोई यज्...
6 घंटे पहले
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