पते की बात
माँ का त्याग
घर में पांच लोग होते थे,,
पर जब चार सेव आते
तब माँ ही होती जो कहती ,
मुझे सेव फल ना भाते
घोटू
775. वक़्त आ गया है
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वक़्त आ गया है
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अक्सर सोचती हूँ
हर बार, बार-बार
मैं चुप क्यों हो जाती हूँ?
जानती हूँ, मेरी चुप्पी हर किसी को भा रही है
पर मुझे भीतर से खोखला कर...
1 घंटे पहले
माँ तो ऐसी ही होती हैं ,दिल छू लेने वाली रचना
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