मज़ा होली का
सुघड पड़ोसन ,कितनी सुन्दर ,आती जाती,मुस्काती है
भले तुम्हारे ,मन को भाती ,पर भाभीजी ,कहलाती है
लेकिन जब होली आती है ,मिट जाता ,मन का मलाल है
उनके कोमल से गालों पर ,जब हम मल सकते गुलाल है
एक साल में,एक बार ही ,मिट सकती ,मन की भड़ास है
होली का यह पर्व इसलिये ,मन को भाता ,बड़ा ख़ास है
घोटू
NSTEP और E-PRISON - विस्तार से जानिए
-
कानूनी प्रक्रिया की नवीनतम तकनीक के रूप में न्यायालयों की गतिविधियों में
दो नए वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप शामिल किए गए हैं. आज हम आपको उन्हीं दोनों
ऐ...
7 घंटे पहले
प्रदीप जी - कृपया बैकग्राउंड बदल लें , या फिर टेक्स्ट बॉक्सेस को "opaque" कर लें । पढना बहुत मुश्किल होता हैं ।
जवाब देंहटाएं