सर ऊपर उठाना है
अगर आवाज को अपनी ,बुलंदी से सुनाना है
अगर सोये हुओ को जो,तुम्हे फिर से जगाना है
बिना गर्दन किये ऊंची,न मुर्गा बांग दे सकता ,
तुम्हे भी आगे बढ कर ,अपना सर ऊपर उठाना है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
4 घंटे पहले
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