चिमटा चला के मारा, बेलन घुमा के मारा
फिर भी बचे रहे तो, भूखा सुला के मारा
बरसों से चल रहा है, दहशत का सिलसिला ये
बीवी ने जिंदगी को, दोजख बना के मारा
कैसे बतायें कितनी मनहूस वो घडी थी
इक शेर को है जिसने शौहर बना के मारा
वैसे तो कम नहीं हैं हम भी यूं दिल्लगी में
उसपे निगाह अक्सर उससे बचा के मारा
चर्चित को यूं तो दिक्कत, चर्चा से थी नहीं पर
बीवी ने आशिकी को मुद्दा बना के मारा
- विशाल चर्चित
wah wah wah," kabhi nathuni hila ke mara,kabhi ghooghru baja ke mara.kabhi nazre utha ke mara ,kabhi nazre jhuka ke mara,hm bhi to kam nahi the,
जवाब देंहटाएंuse kandha bana ke uskA usko bhi maine mara....'
holo ki hardik mangal kamnayen
ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सब को सपरिवार होली ही हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन हैप्पी होली - २ - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
होली मुबारक
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट कल के चर्चा मंच पर है
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआपको होली की शुभकामनाएं!
http://voice-brijesh.blogspot.com
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।। होली की हार्दिक शुभकामनाएं
पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...