एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

मंगलवार, 4 जून 2013

रसीले रिश्ते

            रसीले  रिश्ते 
            
                       
               पत्नी 
पत्नियाँ ,फ्रिज में रखी ,घर की मिठाई 
जब भी जी  चाहे ,गरम कर,जाए खायी  
प्यार करती तो लगे मख्खन मलाई 
 सर्दियों से बचाती ,बन कर रजाई 
                 साली 
सालियाँ तो जलेबी ,गरमागरम है 
स्वाद पाने,बनना पड़ता ,बेशरम है 
टेडी मेडी ,रस भरी है, अटपटी  है 
मगर सुन्दर,शोख ,चंचल,चटपटी है 
                 साला 
पत्नी जी का भाई जो होता है साला 
बड़ा तीखा ,तेज है इसमें  मसाला 
अनुभवी जो लोग है ,सब ये कहे है 
इसे खुश रख्खो तो बीबी खुश रहे है 
            सास-ससुर 
सास का अहसास होता बड़ा प्यारा 
जिसे है दामाद ,बेटी से दुलारा 
और ससुर के साथ सुर में सुर मिलाओ 
पत्नी भी खुश,लुफ्त जीवन का उठाओ 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'                  

1 टिप्पणी:

  1. आपकी सर्वोत्तम रचना को हमने गुरुवार, ६ जून, २०१३ की हलचल - अनमोल वचन पर लिंक कर स्थान दिया है | आप भी आमंत्रित हैं | पधारें और वीरवार की हलचल का आनंद उठायें | हमारी हलचल की गरिमा बढ़ाएं | आभार

    जवाब देंहटाएं

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-