एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शनिवार, 22 जून 2013

सवाल है ईश्वर से....



और एक बार फिर से
दिखा कुदरत का कहर
एक बार फिर से दिखी
हल्की सी एक झलक
प्रलय की - कयामत की....
एक बार फिर से
असहाय सा हुआ मनुष्य
धरी रह गयी सारी गणित
सारा विज्ञान - सारी तकनीक...
हजारों मरे - इतने ही लापता
लाखों को बेघर
न जाने कितने गावों
न जाने कितनी बस्तियों का
एक झटके में सफाया....
लेकिन बहुत कम लोगों पर असर
ज्यादातर मस्त और व्यस्त
(सभी की बात नहीं कर रहा)....
नेता व्यस्त ज्यादा से ज्यादा
मीडिया पर दिखने में
हवाई सर्वेक्षणों मे
अपनी पार्टी की प्रशंसा में
दूसरे की कमियां गिनाने में
राहत के लिये जारी धन में से
कुछ अपनी ओर खिसकाने में...
मीडिया व्यस्त खबर के पोस्टमार्टम में
उसको पूरी तरह से भुनाने में
अपने को सबसे आगे और
सबसे तेज बताने में....
बाबू लोग व्यस्त बला टालने में
काम कम लेकिन स्वयं को
परेशान ज्यादा दिखाने में...
व्यापारी इस बहाने जितना हो सके
तमाम चीजों के दाम बढाने में,
बुद्धिजीवी लोग टीवी देखने और
हर खबर पर अपना गाल बजाने में...
बोलबाला है हर तरफ सिर्फ
दिखावे का - मक्कारी का
बेइमानी का - चालाकी का
दिल तो है सिर्फ कहने के लिये
चलता है सिर्फ दिमाग हमेशा
ताकि निकल जायें सब से आगे
जमा सकें दूसरे पर अधिकार
ताकि बने रहें हमेशा शासकों में
शासितों में नहीं.....
काश....इन सब लोगों पर गिरती गाज
काश...ये लोग आते चपेट में
सुलझ जाती बहुत सी समस्यायें
बदल जाता दुनिया का नक्शा
और महौल हो जाता स्वर्ग जैसा...
लेकिन ऐसा होता नहीं है
महंगाई में पिसता है आम आदमी
हर आपदा में मरता है आम आदमी
यहां तक कि पैदा होने के बाद से ही
रोज किसी न किसी वजह से
तिल - तिल करके मरता है आम आदमी
क्यों........आखिर क्यों ???
ये सवाल है ईश्वर से
ये सवाल है प्रकृति से
ये सवाल है कुदरत से
ये सवाल है कायनात से
क्यों........आखिर क्यों ???

3 टिप्‍पणियां:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-