संगत का असर
हम रहते है जिनके संग मे
हमे रंगना पड़ता है,उनही के रंग मे
हमारे सोचने का ढंग,
उनके जैसा ही हो जाता है
और उनके सुख दुख का ,
हम पर भी असर आता है
नेताओं के साथ साथ ,चमचे भी पूजे जाते है
पति और पत्नी ,
एक दूसरे के साथ,हँसते गाते है
आपने देखा होगा ,मंदिर मे,
शिवलिंग पर जब लोग जल चढ़ाते है
तो पास मे बैठी हुई ,
अच्छी ख़ासी चूनरी ओढ़े ,
पार्वती जी को भी भिगाते है
और तो और ,उनके बेटे गणेशजी और
कार्तिकेय के साथ साथ,
उनके वाहन नंदी को भी नहलाते है
सारा परिवार जब साथ साथ रहता है
तो सारे सुख और दुख,संग संग सहता है
इसलिए ये बात हमे ठीक ठीक समझना चाहिए
हमे किसी का भी साथ,
सोच समझ कर ही करना चाहिए
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
बहुत अच्छी प्रस्तुति... बधाई...
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