राजभोग से
भोज थाल में सज,सुन्दर से
भरे हुऐ ,पिस्ता केसर से
अंग अंग में ,रस है तेरे
लुभा रहा है मन को मेरे
स्वर्णिम काया ,सुगठित,सुन्दर
राजभोग तू ,बड़ा मनोहर
बड़ी शान से इतराता है
तू इस मन को ललचाता है
जब होगा उदरस्त हमारे
कुछ क्षण स्वाद रहेगा प्यारे
मज़ा आएगा तुझ को खाके
मगर पेट के अन्दर जाके
सब जाने नियति क्या होगी
और कल तेरी गति क्या होगी
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
उत्तर प्रदेश में मांस बैन
-
चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के माननीय
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सनातन धर्म की मर्यादा के अनुरूप
फैसला लिय...
9 घंटे पहले
वहा क्या बात है हर एक शब्द में एक नई कहानी कहती आपकी रचना
जवाब देंहटाएंउत्कर्ष रचना
मेरी नई रचना
फरियाद
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
दिनेश पारीक
बहुत ही सुन्दर,मुहँ में पानी आ गया जी.
जवाब देंहटाएं