वेलेन्टाइन सप्ताह आरम्भ
1
इश्क हो या प्यार हो या मोहब्बत कुछ भी कहो,
प्रेम के हर नाम में ,आधा अधूरा हर्फ़ है
लैला मजनू की कहो या सोहनी महिवाल की,
दास्ताने पुरानी ,इतिहास में अब दर्ज है
हीर रांझा ,और कितने आशिकों की जोड़ियाँ,
बेपनाह जिनमे मोहब्बत थी ,मगर मिल ना सके ,
इसका कारण था कि इनमे हर किसी के नाम में,
हर्फ़ थे पूरे सभी, कोई न आधा हर्फ़ है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
12 घंटे पहले
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