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रविवार, 10 फ़रवरी 2013

प्रेम दिवस

          वेलेंटाइन  सप्ताह
           (दूसरा नजराना)         
           प्रेम दिवस 
प्रेम का कोई दिवस होता नहीं,
                        प्रेम का हर एक दिन ही ख़ास है 
प्रेम हर वातावरण में महकता ,
                         प्रेम की हर ह्रदय में उच्छ्वास  है 
प्रेम पूजन,प्रेम ही आराधना ,
                          प्रेम में परमात्मा का वास  है 
प्रेम तो है कृष्ण राधा का मिलन,
                             राम का चौदह बरस  बनवास है 
प्रेम मीरा के भजन में गूंजता ,
                              सूर के पद में इसी का वास है 
सोहनी -महिवाल,रांझा -हीर  और,
                               लैला-मजनू  प्रेम का इतिहास है 
प्रेम बंधन भावनाओं से भरा ,
                                 प्रेम जीवन का मधुर अहसास है 
प्रेम में ही समर्पण है,त्याग है,
                                   एक दूजे का अटल विश्वास है 
प्रेम गुड का स्वाद गूंगा जानता ,
                                पर न कह पाता ,वही आभास है 
जो समझ ले ढाई आखर प्रेम का,
                                  तो समझ लो,प्रभु उसके पास है 

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'     

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