मेरा दिल कमजोर हो गया
तब भी था कमजोर हुआ जब देखा पहली बार तुम्हे
होकर पागल दीवाना सा ,ये कर बैठा प्यार तुम्हे
ऐसी डोर बंध गयी फिर तो,तुम्हारे संग नातों में
पड़ जाता कमजोर बिचारा ,तुम्हारी हर बातों में
इतना तुमने प्यार जताया ,मन आनंद विभोर हो गया
मेरा दिल कमजोर हो गया
फिर बच्चों की जिद या हठ का,इस पर इतना जोर पड़ा
कभी प्यार से या गुस्से से ,ये हरदम कमजोर पड़ा
दफ्तर में साहब की घुड़की ,इस दिल को धड़काती थी
सीमित साधन और बढती मंहगाई इसे सताती थी
अब तो देखो ये विद्रोही बनकर के मुंहजोर हो गया
मेरा दिल कमजोर हो गया
धीरे धीरे ,साथ उमर के ,आई ऐसी कमजोरी
सांस फूलने लग जाती है,करने पर मेहनत थोड़ी
डोक्टर ने चेकिंग की और बतलाया कारण मुश्किल का
रक्त प्रवाह हो गया है कम ,तुम्हारे नाजुक दिल का
बढती उमर ,परेशानी का,अब कुछ ऐसा दौर हो गया
मेरा दिल कमजोर हो गया
मदन मोहन बहेती'घोटू'
रिश्तों और जीवन में संतुलन का पाठ पढ़ाती गणित
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*रिश्तों और जीवन में संतुलन का पाठ पढ़ाती गणित*
बचपन से ही गणित से हमारा एक अजीब-सा रिश्ता रहा है। न जाने क्यों, इस विषय
में जितना गहराई से उतरने की कोशिश...
4 घंटे पहले
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