पते की बात
नजरिया
आंधी से बचने की करते ,कोशिशें हैं ,कई ,सारे
खिड़की करता बंद कोई,खींचता कोई दीवारें
'विंडमिल 'लगवा कर कोई ,उससे ऊर्जा पाता है
इंसानों की सोच सोच में,अंतर ये दिखलाता है
घोटू
पंछी इक दिन उड़ जाएगा
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पंछी इक दिन उड़ जाएगा जरा, रोग की छाया डसती मृत्यु, मुक्ति की आस
बँधाये, पंच इंद्रियाँ शिथिल हुई जब जीवन में रस, स्वाद न आये !कुछ करने की
चाह न जागे फिर ...
47 मिनट पहले
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