मंथरा
जो लोग अपना भला बुरा नहीं समझते
आँख मूँद कर, दूसरों की सलाह पर है चलते
उन पर मुसीबत आती ही आती है
बुद्धि भ्रष्ट करने के लिए ,हर केकैयी को ,
कोई ना कोई मंथरा मिल ही जाती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
सत्य
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सत्य सत्य है अखंड, एकरसजानने वाला जान रहा प्रतिपल नहीं है भूत या
भविष्य उसके लिए वहाँ कोई भेद नहीं न दिशाओं का न गुणों का भावातीत, कालातीत व
देशातीत वह ब...
10 घंटे पहले
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