पके हुए फल है हम
रोज रोज शुगर की,
हाई ब्लड प्रेशर की
मुसली पावर की, केप्सूल खाते है
पीड़ा है घुटने की,
मन ही मन घुटने की
फिर भी खुश रहने की,कोशिश कर गाते है
सुबह सुबह है वाकिंग
फिर दिन भर है टाकिंग,
लाफिंग क्लब में लाफिंग ,करने को जाते है
ख़बरें दुनिया भर की
अन्दर की,बाहर की
सुबह न्यूज़ पेपर की ,सारी पढ़ जाते है
टी वी के सिरिअल,
देखें हम रेग्युलर,
कभी हंसें या रोकर ,आंसू छलकाते है
कभी चाट चटकाते,
कभी पकोड़े खाते,
कभी फोन खटकाते,पीज़ा मंगवाते है
बचा खुचा ये जीवन,
बोनस में जीते हम,
जब तक है दम में दम,हरदम मुस्काते है
पके हुए है हम फल,
गिर जाए कब किस पल,
यही सोच हर पल का,मज़ा हम उठाते है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
पतंजलि योग सूत्र दर्शन में अष्टांगयोग का चौथा अंग प्राणायाम भाग - 1
-
पतंजलि योगदर्शन में अष्टांगयोग
भाग - 04 .1 > अष्टांगयोगका चौथा अंग प्राणायाम
श्वास रहस्य
पतंजलियोग दर्शन के अष्टांगयोग के 08 अंगों में से अभी तक यम...
1 दिन पहले
bahut achha likha hai.. aisa lagaa jaise modern life style ka khaka banaa diya ho..
जवाब देंहटाएं