कमबख्त यार
बड़ा कमबख्त यार है मेरा
गुले गुलज़ार प्यार है मेरा
बहुत वो मुझसे प्यार करता है
मस्तियाँ और धमाल करता है
ख्याल रखता है वो मेरा हरदम,
जान मुझ पर निसार करता है
मेरी साँसों की मधुर सरगम है,
मुझपे अनुरक्त यार है मेरा
बड़ा कमबख्त यार है मेरा
देखता तिरछी जब निगाहों से
रिझाता है नयी अदाओं से
कभी खुद आके लिपट जाता है,
कभी जाता है छिटक बाहों से
सताता मुझको अपने जलवों से,
वक़्त,बेवक्त यार है मेरा
बड़ा कमबख्त यार है मेरा
कभी सावन सा वो बरसता है
कभी बिजली सा वो कड़कता है
कभी बहता है नदी सा ,कल कल,
कभी वो बाढ़ सा उमड़ता है
कभी मख्खन सा वो मुलायम है,
तो कभी सख्त यार है मेरा
बड़ा कमबख्त यार है मेरा
जब भी हँसता है,मुस्कराता है
आग सी दिल में वो लगाता है
रोशनी बन के झाड़ फानूस की,
मेरे घर को वो जगमगाता है
मेरे जीवन को जिसने महकाया,
ऐसा जाने बहार है मेरा
बड़ा कमबख्त यार है मेरा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
राज्य बार काउंसिल को मौजूदा कानून के तहत राज्य के बार एसोसिएशनों को
उपर्युक्त अवधि के लिए अपने चुनाव स्थगित करने का निर्देश देने का कोई अधिकार
नहीं था -इलाहाबाद हाईकोर्ट -
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
WRIT-C No.40685 of 2025
Mohd. Arif Siddiqui (Petitioner(s)
Vers
State Of Uttar Pradesh And 5 Others
.....Resp...
39 मिनट पहले
वाह ... बेहतरीन प्रस्तुति।
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