एक गड्ढा
जो बहुत
दिनो से
बहुत लोगो को
गिरा रहा था
आज शाम
पी डबल्यू डी
की फौज द्वारा
भरा जा रहा था
सारे अफसरों के
हाथ में झाडू़
तक दिखाई
दे रहे थे
होट मिक्स
हो रहे थे
रोलर तक
चलाये दे
रहे थे
पब्लिक की
समझ में
कुछ नहीं
आ रहा था
जिसको देखो
वो कुछ ना कुछ
अंदाज लगा
रहा था
अरे कल
उत्तराखंड
का बर्थडे है
एक बता
रहा था
डी ऎम की
कार तक
बेटाईम
खड़ी थी
माल रोड पर
किसी से पूछा
तो पता चला
वो भी शहर में
चक्कर लगा
रहा था
इतने में
"मोतिया"
हंसता हुवा
आ रहा था
बड़े जोर
जोर से
ठहाके लगा
रहा था
पूछा तो
बोलता
जा रहा था
पागल मत
हो जाओ
गड्ढा ही तो
भरा जा रहा है
सालों को
पता भी नहीं
कल मुख्यमंत्री
बाय रोड
आ रहा है ।
जो बहुत
दिनो से
बहुत लोगो को
गिरा रहा था
आज शाम
पी डबल्यू डी
की फौज द्वारा
भरा जा रहा था
सारे अफसरों के
हाथ में झाडू़
तक दिखाई
दे रहे थे
होट मिक्स
हो रहे थे
रोलर तक
चलाये दे
रहे थे
पब्लिक की
समझ में
कुछ नहीं
आ रहा था
जिसको देखो
वो कुछ ना कुछ
अंदाज लगा
रहा था
अरे कल
उत्तराखंड
का बर्थडे है
एक बता
रहा था
डी ऎम की
कार तक
बेटाईम
खड़ी थी
माल रोड पर
किसी से पूछा
तो पता चला
वो भी शहर में
चक्कर लगा
रहा था
इतने में
"मोतिया"
हंसता हुवा
आ रहा था
बड़े जोर
जोर से
ठहाके लगा
रहा था
पूछा तो
बोलता
जा रहा था
पागल मत
हो जाओ
गड्ढा ही तो
भरा जा रहा है
सालों को
पता भी नहीं
कल मुख्यमंत्री
बाय रोड
आ रहा है ।
रहा अभी तक सड़क पर, उड़े गगन पर मस्त ।
जवाब देंहटाएंहेमवती का पुत्र यह, अभी बहुत ही व्यस्त ।
अभी बहुत ही व्यस्त, सीखती नृत्य उत्तरा ।
शादी का कर ख्याल, विचारो आज पत्तरा ।
वर्षगाँठ भी आज, गाल को चिकना कर लो ।
गड्ढे ले भरवाय, केक का टुकडा धर लो ।
वाह ... बहुत ही बढिया।
जवाब देंहटाएंमन की बातों को कहने का निराला तरीका और तीखा कटाक्ष |
जवाब देंहटाएंहा हा हा...
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग ...!!
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जवाब देंहटाएंएक गड्ढा जो बहुत दिनों से ......दिनो ठीक कर लें ..............बढ़िया कटाक्ष है .
आपकी ज़ोरदार क़लम से निकले धारदार व्यंग्य बाण.... कमाल!!!
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