माचिस की तिली
पेड़ की लकड़ी से बनती,कई माचिस की तिली ,
सर पे जब लगता है रोगन,मुंह में बसती आग है
जरा सा ही रगड़ने पर ,जलती है तिलमिला कर,
और कितने दरख्तों को ,पल में करती खाक है
घोटू
Seo expert specialist fiverr
-
seo specialist fiverr
Skyrocket Your Website Traffic with Our Expert SEO Specialist
Grow your online presence and attract more qualified leads with our skil...
18 घंटे पहले
बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंअधिक संघर्ष से चन्दन भी जल जाता है |
जवाब देंहटाएंअवसर आने पर 'सुप्त ज्वालामुखी' भी उबल जाता है ||