माचिस की तिली
पेड़ की लकड़ी से बनती,कई माचिस की तिली ,
सर पे जब लगता है रोगन,मुंह में बसती आग है
जरा सा ही रगड़ने पर ,जलती है तिलमिला कर,
और कितने दरख्तों को ,पल में करती खाक है
घोटू
आपके पास भी आ सकती है -🇫🇷🇦🇺🇩 🇨🇦🇱🇱
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आपके पास फोन है, होगा ही, क्योंकि आजकल फोन रोटी कपड़ा और मकान की तरह एक
अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है, तो फिर सावधान हो जाइये क्योंकि फ़्रॉड कॉल या
फिर ये...
7 घंटे पहले
बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंअधिक संघर्ष से चन्दन भी जल जाता है |
जवाब देंहटाएंअवसर आने पर 'सुप्त ज्वालामुखी' भी उबल जाता है ||