पते की बात
जेब
है अजब ये जिंदगानी ,जब थे हम पैदा हुए ,
पहले ,पहनी ,लंगोटी,उसमे न कोई जेब था
जिंदगी भर जेब भरने की कवायद में लगे,
मरे तो ओढा कफ़न, उसमे न कोई जेब था
घोटू
ऊर्जा
-
ऊर्जा ऊर्जा बहुत है, कर्म कम ऊर्जा अहंकार बन जाएगी ऊर्जा कम है, कर्म
अधिक ऊर्जा तनाव बन जाएगी ऊर्जा अति है कर्म भी अति ऊर्जा संतुष्टि बन
जाएगी ऊर्जा अनंत ...
6 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।