पते की बात
डस्ट बिन
नोट दस रूपये का मुझको ,मिला,मैंने ये कहा ,
इस तरह इतराओ मत ,कागज़ का एक टुकड़ा हो तुम
मुस्कराया नोट बोला ,दोस्त सच कहते हो तुम ,
मगर अब तक नहीं देखी ,मैंने कोई 'डस्ट बिन '
घोटू
क़ानून
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क़ानून हक़ दूजे का कभी न मारे बस इतना ख़्याल जो रख पाये जो जिसका अधिकार
है वह मिल ही जाएगा एक क़ानून ऐसा भी है जो दिखायी नहीं देता पर चल रहा है
अहर्निश ...
2 घंटे पहले
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