पते की बात
माँ का त्याग
घर में पांच लोग होते थे,,
पर जब चार सेव आते
तब माँ ही होती जो कहती ,
मुझे सेव फल ना भाते
घोटू
792. सफ़र जारी है
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सफ़र जारी है
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बहुत कुछ छूट गया
बहुत कुछ छोड़ दिया
ज़िन्दगी न ठहरी, न थमी
चलती रही, फिरती रही
न कोई राह दिखाने वाला
न कोई साथ निभाने वाला
राह बनाती ...
10 घंटे पहले
माँ तो ऐसी ही होती हैं ,दिल छू लेने वाली रचना
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