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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2013

बेहतर है चुप ही रह जाना

उनको कुछ कहने सुनने से .
बेहतर है चुप ही रह जाना ..
जिसको अपना मान चुके हम.
अपनापन क्या है दिखलाना.
हम जाने वो दिल में रहते
दुनिया को क्या है बतलाना
वो समझे ना समझे हमको
बेहतर है चुप ही रह जाना
छुप छुप अश्क पिए दिल ने
अब और नहीं है पास खजाना
उनको कुछ कहने सुनने से
बेहतर है चुप ही रह जाना
दिल में प्रीत अगर इतनी फिर
झूठ मुठ क्यों दोस्त बनाना
वो हमसे जो रुठ  गये  तब
बेहतर है अपना मर जाना
उनको कुछ कहने सुनने से
बेहतर है चुप ही रह जाना
अलग मड़ईया डाल शिखर पर
उनका नाम सदा गोहराना
उनके कुछ कहने सुनने से
बेहतर है चुप ही रह जाना
हम अपना जीवन जी लेंगे
गम तुम उनके पास न जाना
उनको कुछ कहने सुनने से
बेहतर है चुप ही रह जाना  ................अमित




2 टिप्‍पणियां:

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