दस्तक
पहले थी मौसम में गर्मी
भूल गए हम शर्मा शर्मी
मौज और मस्ती थी हरदम
रहते थे स्वच्छंद पड़े हम
पर जब आई कहीं से आहट
हमने चादर ओढी झटपट
समझ गए ,बाहर निकले जब
सर्दी ने आकर दी दस्तक
एसा ही होता है जीवन
यौवन है गर्मी का मौसम
सर्दी का मौसम आता तब
जब कि बुढापा ,देता दस्तक
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पहले थी मौसम में गर्मी
भूल गए हम शर्मा शर्मी
मौज और मस्ती थी हरदम
रहते थे स्वच्छंद पड़े हम
पर जब आई कहीं से आहट
हमने चादर ओढी झटपट
समझ गए ,बाहर निकले जब
सर्दी ने आकर दी दस्तक
एसा ही होता है जीवन
यौवन है गर्मी का मौसम
सर्दी का मौसम आता तब
जब कि बुढापा ,देता दस्तक
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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