प्यार का गणित
प्यार करने में दर्जा माँ का ,है सबसे अधिक ऊपर ,
गर्भ से जब तलक ज़िंदा ,तुम्हारा ख्याल रखती है
पिताजी भी है करते प्यार ,पर थोड़े कड़क होते ,
मगर उतना नहीं,जितना कि माता प्यार करती है
प्यार करते है ,भाई बहन भी,जब तक न हो शादी,
मगर उपरान्त शादी के ,बदल जाता गणित सब है
और फिर जबसे आजाती है बीबी ,जिंदगानी में,
टॉप पर प्यार करने की ,बीबियाँ जाती चढ़ अब है
बाद में ,बच्चे होते,वो भी तुमको प्यार करते है,
मगर जब शादी करके ,जाता है बस,उनका अपना घर
प्यार में अपनी बीबी के ,तुम्हे देते भुला बेटे,
मगर देखा गया है ,ख्याल रखती,बेटियां अक्सर
प्यार करते है बाकी और भी ,पर औपचारिक है,
लिमिट में ही करते प्यार तुमसे,दोस्त जो सारे
बुढापे में,तुम्हारा ख्याल रखती ,सिर्फ बीबी है ,
यही होता गणित है प्यार का ,संसार में प्यारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
प्यार करने में दर्जा माँ का ,है सबसे अधिक ऊपर ,
गर्भ से जब तलक ज़िंदा ,तुम्हारा ख्याल रखती है
पिताजी भी है करते प्यार ,पर थोड़े कड़क होते ,
मगर उतना नहीं,जितना कि माता प्यार करती है
प्यार करते है ,भाई बहन भी,जब तक न हो शादी,
मगर उपरान्त शादी के ,बदल जाता गणित सब है
और फिर जबसे आजाती है बीबी ,जिंदगानी में,
टॉप पर प्यार करने की ,बीबियाँ जाती चढ़ अब है
बाद में ,बच्चे होते,वो भी तुमको प्यार करते है,
मगर जब शादी करके ,जाता है बस,उनका अपना घर
प्यार में अपनी बीबी के ,तुम्हे देते भुला बेटे,
मगर देखा गया है ,ख्याल रखती,बेटियां अक्सर
प्यार करते है बाकी और भी ,पर औपचारिक है,
लिमिट में ही करते प्यार तुमसे,दोस्त जो सारे
बुढापे में,तुम्हारा ख्याल रखती ,सिर्फ बीबी है ,
यही होता गणित है प्यार का ,संसार में प्यारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।