एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

लुटियन की दिल्ली

  लुटियन की दिल्ली

ये दिल्ली तो है लुटियन की ,जी चाहे लूट लो उतना ,
यहाँ पर तो लुटेरों की ,बहुत ही भीड़ रहती है
ये तो एक डाइनिंग टेबल है ,जो जी में आये ,वो खाओ ,
परसने ,खानेवाले चमचों की भी भीड़ रहती है
ये पार्लियामेंट की बिल्डिंग ,बनायी गोल उनने है,
इसलिए गोलमालों की ,यहाँ भरमार रहती है ,
ये  दिल्ली है,ओपोजिट पार्टियाँ भी ,दिल मिला कर के,
यहाँ पर सत्ता करने को ,सदा तैयार  रहती है
घोटू  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-