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बुधवार, 21 अगस्त 2013

पत्नी को रखना संभाल के

           पत्नी को रखना संभाल के

              हम लाये है ससुराल से ,मोती निकाल के
             इस पत्नी को अपनी सभी रखना संभाल के
लूटा  है हमको ,इसकी महोब्बत ने,अदा  ने
 आई है हम पे अपना सारा प्यार लुटाने    
जन्नत का मज़ा ,धरती पर ही हमको दिलाने
ये तो वो नियामत है जो बख्शी है खुदा ने
               है हुस्न की दौलत ये ,है जलवे  कमाल के
                इस पत्नी को अपनी सभी ,रखना संभाल के
दुनिया में सबसे बढ़ के हसीना है बीबियाँ
दिल में जड़ा के रखिये ,नगीना है बीबियाँ
साकी भी है,मय भी हैऔर मीना है बीबियाँ
सुख और अमन से जिन्दगी जीना  है बीबियाँ
              बीबी के बिना ,हम है बिना सुर और ताल है
               इस पत्नी को अपनी सभी,रखना संभाल  के
करती है प्यार छोटों से ,बूढों से , बड़ों से
बढ़ता है वंश आपका ,इनके ही भरोसे
 बच्चों को दे दुलार ये  है पाले और पोसे
खाना बनाके ,प्यार से ,सबको ये  परोसे
               इनके बिना ,पड़ जाते लाले ,रोटी  दाल के
               इस पत्नी को अपनी ,सभी ,रखना संभाल के

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

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