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बुधवार, 7 अगस्त 2013

तुम्हारा प्यार सबकुछ है

             तुम्हारा प्यार सबकुछ है
             
सताने में मेरे दिल को,
अगर मिलता मज़ा तुमको
तुम्हारी इस खुशी खातिर ,
               हमें मंजूर  सब कुछ  है
तुम्हारी चाह का मारा
हमारा दिल है बेचारा
संभालो या इसे कुचलो ,           
               हमें  मंजूर सबकुछ  है
जो जी चाहे तो अपनाओ
जो जी चाहे तो ठुकराओ
तुम्हारे मन को जो भाये ,
                 हमें  मंजूर  सबकुछ है 
जो तुम नज़दीक आती हो
अदा   से मुस्कराती हो ,
हमारे  दिल की धड़कन में,
                  हमेशा  होता कुछ कुछ है
न यूं तडफा के मारो तुम
इसे अपना बना लो  तुम
हमारा दिल तो पागल है ,
                   हमें मंजूर सबकुछ   है
बड़ा नायाब दुर्लभ सा
खजाना तेरी उल्फत का ,
हमारी जिंदगानी में,
                    तुम्हारा  प्यार सबकुछ है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'


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