बातें
तुमने इधर की बात की
तुमने उधर की बात की
कुछ अपने घर की बात की
कुछ उनके घर की बात की
लेकर मोहल्ले गली से ,
सारे शहर की बात की
कुछ आसमां की बात की ,
कुछ समंदर की बात की
कुछ हसीनो के लुभाने
वाले हुनर की बात की
कुछ रहगुजर की बात की
कुछ हमसफ़र की बात की
गम को छुपाने तुमने सारी ,
दुनिया भर की बात की
मगर तुमने कभी ना ,
दुखते जिगर की बात की
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
तुमने इधर की बात की
तुमने उधर की बात की
कुछ अपने घर की बात की
कुछ उनके घर की बात की
लेकर मोहल्ले गली से ,
सारे शहर की बात की
कुछ आसमां की बात की ,
कुछ समंदर की बात की
कुछ हसीनो के लुभाने
वाले हुनर की बात की
कुछ रहगुजर की बात की
कुछ हमसफ़र की बात की
गम को छुपाने तुमने सारी ,
दुनिया भर की बात की
मगर तुमने कभी ना ,
दुखते जिगर की बात की
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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