कसक मन में रह गयी है
भावनायें बह गयी,संभावनायें ढह गयी है
मिलन फिर हो पायेगा, ये आस धूमिल रह गयी है
अब तो कहने सुनने को बाकी बचा ही और क्या है,
ये तुम्हारी बेरुखी ही बात सारी कह गयी है
एक तो वातावरण में,हवाएं फैली,विषैली,
और उस पर फिर अचानक,हवा उलटी बह गयी है
कलकलाती थी नदी पर जब से पानी थम गया है,
हो गयी फिसलन यहाँ पर,काई की जम तह गयी है
आस में ,मौसम बसंती,आयेगा,पत्ते लगेंगे,
जिंदगानी एक सूखा वृक्ष बन कर रह गयी है
पता ना,किस दिन ढहेगी,पर टिकी,मजबूत है ,
ये पुरानी इमारत,भूचाल इतने सह गयी है
क्यों हुआ,कैसे हुआ,क्यों कर हुआ,क्या बतायें,
मगर ये होना न था,ये कसक मन में रह गयी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
Birth Certificate जन्म प्रमाण पत्र
-
आज डिजीटल युग है मतलब ये कि आज हम अपने लगभग सभी कार्य कम्प्यूटर द्वारा कर
सकते है.आज के डिजिटल युग में सरकारी दस्तावेजों हम कंप्यूटर क्रांति के जरिये
आ...
1 घंटे पहले
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार १४/८/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका स्वागत है|
जवाब देंहटाएं