एक ख़त बीते लम्हों के नाम... संध्या शर्मा
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एक ख़त लिखना चाहती हूँ मैं,
उन गुजरे पलों के नाम,
जो छू गए थे मन को कभी
और खो थे वक़्त के अंधेरों में।
काग़ज़ पे उतर आएँगे,
कुछ धुंधले से चेहरे,
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44 मिनट पहले
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन , बधाई.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की अनुकम्पा करें, आभारी होऊंगा .