मेरी डायरी का हर पन्ना .....
मैंने जो भी लिखा प्यार में,यादगार हर पेज हो गया
मेरी डायरी का हर पन्ना ,अब तो दस्तावेज हो गया
सर्दी ,गर्मी और बसंत ने,ऐसा ऋतू का चक्र चलाया
आज बन गया कल और कल बनने फिर से अगला कल आया
आये ,गये ,बहुत से सुख दुःख ,कभी हंसाया ,कभी रुलाया
दिया किसी अपने ने धक्का,और किसी ने गले लगाया
पल पल बदली ,जीवन की गति ,धीमा ,मध्यम,तेज हो गया
मेरी डायरी का हर पन्ना,अब तो दस्तावेज हो गया
जब तक कायम रही जवानी,खूब मौज और मस्ती मारी
खूब मज़ा जीवन का लूटा,खूब निभाई दुनियादारी
जब तक दिन था,रहा चमकता ,अब आई ढलने की बारी
बादल ढक ,निस्तेज कर गए ,पाबंदिया लग गयी सारी
खाया पिया जवानी में जो ,उमर बढ़ी,परहेज हो गया
मेरी डायरी का हर पन्ना ,अब तो दस्तावेज हो गया
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
1415-कृष्णा वर्मा की कविताएँ
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*कृष्णा वर्मा *
*1-स्त्री*
*अधखुले दरवाज़े पर खड़ी स्त्री *
*केवल इंतज़ार ही नहीं करती *
*वह भरती है भीतर उजालों को *
*महसूसती है *
*स्वछंद उड़ती ह...
8 घंटे पहले
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएंHere is wishing you a healthy, happy and rewarding 2013! From Never give up
जवाब देंहटाएंdhanywad aur shubhkamnaayen
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