( सभी पंक्तियों का पहला अक्षर मिलाने पर "नया साल सबके लिए सुखद एवं मंगलमय हो" )
नवरंग सी उमंग लिए,
या आसमान के जैसे खुले विचार;
सागर से भी गहरी सोच या,
लश्कर लिए ख़ुशी का, गम दरकिनार|
सरस कर इन चार लम्हों को,
बरसती सावन की बूंदों का झार;
केंद्र में लिए लक्ष्य को अपने,
लिख दे हर दिल में बस प्यार ही प्यार|
एक अकेला चल पथ में,
सुप्त पड़ जाये गर ये संसार;
खबर दे सबको बस खुशियों भरा,
दवा बन सबका, लगा दे पार|
एकल व्यक्तित्व गर ढह भी जाये,
वंदन और पूजन न हो तार-तार;
मंगल पथ में कर मगल कर्म,
गर आ भी जाये दुखते आसार|
लय पर सीधा चलते चल,
मर्म तब जानेगा जीवन के चार;
यह मान ले पथ में सिर्फ कांटें नहीं हैं,
होगा भला करले भला अपार|
सच ही अगर ऐसा समाज होने लगे ,आशाओं का दामन तो पकडे रहना होगा -नव-वर्ष मंगल मय हो !
जवाब देंहटाएंनव बर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसादर
जवाब देंहटाएंमाया ईस न आपु कहुँ जान कहिअ सो जीव ।
बंध मोच्छ प्रद सर्बपर माया प्रेरक सीव ।। रा. च. मा. अ. का. दो. क्र. 15
----- ।। गोस्वामी तुलसी दास ।। -----