दिल्ली का मौसम -आज का
रात बारिश हुई थी और गिरे थे ओले,
बिजलियाँ चमकी थी और खूब घिरे थे बादल
आज तो भोर से ही छा रहा घना कोहरा,
हवायें ,तेज भी है,सर्द भी है और चंचल
बड़ी ही ठण्ड है ,छाया है अँधेरा दिन में ,
सुबह से आज तो सूरज भी हो गया गुम है
आओ हम बैठ कर बिस्तर में पकोड़े खायें ,
रजाई में दुबक के रहने का ये मौसम है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
2 घंटे पहले
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