बेक बेंचर
स्कूल के दिनों में ,मै बड़ा बेफिकर था
क्योंकि मै बेक बेंचर था
आगे की सीटों पर बेठने वाले बच्चे
कहलाते है ,होंशियार और अच्छे
पर हमेशा उनको सतर्क रहना पड़ता है
हर एक सवाल का जबाब देना पड़ता है
पर पीछे की बेंच वाला आराम से सो सकता है
जरासा ध्यान दे तो दूर बैठ कर भी पास हो सकता है
कई जगह,बेक बेंचर होने के कई फायदे दिखते है
जैसे सिनेमा में पीछे वाली सीटों के टिकिट मंहगे बिकते है
और अक्सर पीछे की सीटें आरक्षित होती है
क्योंकि प्रेमी जोड़ों के लिए वो सुरक्षित होती है
कार में पिछली सीट पर बैठनेवाला ,अक्सर ,मालिक होता है
और आगे बैठ कर ,कार चलाता है ड्रायवर ,
शादी के जुलुस आगे आगे चलते है बाराती ,
और पीछे घोड़ी पर बैठता है दूल्हा यानि वर
सेना में जवान आगे रहते है ,
और पीछे रहता है कमांडर
कुर्सी हो या बिस्तर
शरीर का पिछला भाग ही ,डनलप के मज़े लेता है अक्सर
बेकवर्ड होने से ,फायदा ये मोटा होता है
बेकवर्ड लोगो के लिए रिज़र्वेशन का कोटा होता है
आगे वाले लोग फायदे में तभी रहते है
जब वो बाईक चलाते है
और पीछे कमर पकड़ कर बैठी हुई ,
गर्ल फ्रेंड का मज़ा उठाते है
वर्ना मैंने तो ये देखा है अक्सर
फायदे में ही रहा करते है बेक बेंचर
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
1440
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*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
2 घंटे पहले
बढ़िया प्रयास मैं आपकी स्तिथि समझ सकता हूँ और महसूस भी कर सकता हूँ एक बेक बेन्चेर होने की मज़ा क्यों की मैं स्वयं भी किसी ज़माने में बेक बेन्चेर हुआ करता था | बहुत ही उम्दा |
जवाब देंहटाएंतमाशा-ए-ज़िन्दगी
dhanywad johny ji
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