एक कदम पीछे हटा कर देखिये
एक कदम पीछे हटा कर देखिये,
मुश्किलें सब खुद ब खुद हट जायेगी
अहम् अपना छोड़ पीछे जो हटे,
आने वाली बलायें टल जायेगी
सामने वाला तो ये समझेगा तुम,
उसके डर के मारे पीछे हट गये
उसको खुश होने दो तुम भी खुश रहो,
दूर तुमसे हो कई संकट गये
अगर तुमको पलट कर के वार भी,
करना है तो पीछे हट करना भला
जितनी ज्यादा पीछे खींचती प्रतंच्या,
तीर उतनी ही गति से है चला
आप पीछे हट रहे यह देख कर,
सामने वाला भी होता बेखबर
वक़्त ये ही सही होता,शत्रु पर,
वार चीते सा करो तुम झपट कर
और यूं भी पीछे हटने से तुम्हे,
सेकड़ों ही फायदे मिल जायेंगे
नज़र जो भी आ रहा ,पीछे हटो,
बहुत सारे नज़ारे दिख जायेंगे
बहुत विस्तृत नजरिया हो जाएगा,
संकुचित जो सोच है,बदलाएगी
एक कदम पीछे हटा कर देखिये,
मुश्किलें सब खुद ब खुद हट जायेगी
मदन मोहन बहेती'घोटू'
अंतहीन सजगता
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अंतहीन सजगता अपने में टिक रहना है योग योग में बने रहना समाधि सध जाये तो
मुक्ति मुक्ति ही ख़ुद से मिलना है हृदय कमल का खिलना है क्योंकि ख़ुद से
मिलकर उसे...
9 घंटे पहले
एक कदम पीछे हटने के इतने फायदे ...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ....