कौनसा वो तत्व है-जिसमे छुपा अमरत्व है?
समंदर में भरा है जल
जल से फिर बनते है बादल
और वो बादल बरस के,
पानी की बूंदों में झर झर
कभी सींचें ,खेत बगिया
कभी जमता बर्फ बन कर
कभी नदिया बन के बहता,
और फिर बनता समंदर
ये ही है जीवन का चक्कर
जो कि चलता है निरंतर
ये ही तो वो तत्व है
जिसमे बसा अमरत्व है
बना है माटी का ये तन
बड़ा क्षण भंगुर है जीवन
पंच तत्वों से बनी है,
तुम्हारी काया अकिंचन
सांस के डोरी रुकेगी,
जाएगी जब जिंदगी थम
जाके माटी में मिलेगा,
फिर से माटी जाएगा बन
ये ही जीवन का चक्कर
जो कि चलता है निरंतर
ये ही तो वो तत्व है
जिसमे बसा अमरत्व है
हवायें जीवन भरी है,
सांस बन कर सदा चलती
और कार्बन डाई ओक्साइड
बनी बाहर निकलती
फिर उसे ये पेड़ ,पौधे,
पुनः ओक्सिजन बनाये
विश्व में हर एक जगह ,
पर सदा रहती हवायें
ये ही है जीवन का चक्कर
जो कि चलता है निरंतर
ये ही तो वो तत्व है
जिसमे बसा अमरत्व है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
उत्तर प्रदेश-रामपुर- SIR फॉर्म गलत भरने पर पहली FIR-नूरजहां आमिर और दानिश
पर -
-
*स्रोत -जागरण न्यूज 6 दिसंबर 2025*
6 दिसंबर 2025 की जागरण न्यूज के अनुसार रामपुर जिले में एसआईआर फॉर्म में
तथ्यों को छुपाकर गलत जानकारी भरने का एक मामला...
1 दिन पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।