कार चाहिये
आदमी में होना अच्छे संस्कार चाहिये
प्रेमभाव मन में हो,नहीं विकार चाहिये
बुजुर्गों की करना सेवा ,सत्कार चाहिये
नहीं करना किसी का भी तिरस्कार चाहिये
करना अपने सारे सपने ,जो साकार चाहिये
ईश का वंदन करो यदि चमत्कार चाहिये
मैंने ये सब बातें शिक्षा की जो बेटे से कही,
बेटा बोला ठीक है पर पहले कार चाहिये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र 15,16,17 का सार
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पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र : 15 , 16 ,17
महर्षि पतंजलि अपनें कैवल्य पाद सूत्र - 15 में कह रहे हैं ,
“ एक वस्तु चित्त भेद के कारण अलग - अलग दिखती है ” । अब ...
5 घंटे पहले
आज के जमाने का बेटा है ... सौदा पहले नज़र आता है ... हा हा ...
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