बहुत तडफा ,मन अभागा
कई,कितनी रात जागा
जब सपन तुमने चुराये
आप आये
पावडे ,पलकें पसारे
राह तुम्हारी निहारे
मिलन को मन छटपटाये
आप आये
नींद नैनों से रही जुड़
देख कर तुमको गयी उड़
प्रेम अश्रु ,डबडबाये
आप आये
बांह में, मै तुम्हे भरके
तन ,बदन मन एक करके
एक दूजे में समाये
आप आये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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