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गुरुवार, 23 मई 2013

तलाक़

           
             तलाक़  
एक नेताजी,जो बड़े संस्कारी है 
और जिन्हें कुर्सी बड़ी प्यारी  है 
पूजा पाठ और कर्मकांड में विश्वास रखते है 
(और बड़े बड़े काण्ड करते है )
उन्होंने एक  आयोजन करवाया 
अपने  भरोसे वाले पंडितजी को बुलवाया 
विवाह संस्कार के सारे कर्मकांडो को करवाया 
खुद दूल्हा बने  और,
कुर्सी को दुल्हन बनवाया 
 कुर्सी के साथ विवाह वेदी के सात फेरे भी लिये 
और जनम जनम का साथ निभाने के 
सात वचन भी दिये 
पर बदकिस्मती से ,अगले चुनाव में ,
उनकी पार्टी का सूपड़ा साफ़ हो गया 
और बेचारे नेताजी का,
कुर्सी से तलाक़ हो गया 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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