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सोमवार, 10 सितंबर 2012

मेरी माँ,दुनिया की सबसे अच्छी माँ है

मेरी माँ,दुनिया  की  सबसे अच्छी माँ है

धवल रजत से केश,स्वच्छ हैं,मन से उजले
यादों के सैलाब,वृद्ध  आँखों में   धुंधले
बार बार,हर बात,भूलती है दुहराती
खुश होती तो स्वर्ण दन्त,दिखला मुस्काती
ममता का सागर अथाह है जिसके मन में
देख लिए नब्बे बसंत ,जिसने जीवन में
नाती,पोते,बेटी और बेटों से मिल कर
अब भी फूल बिखर जाते,चेहरे पर खिल कर
कभी कभी गुमसुम बैठी ,कुछ सोचा करती
जीवन के किस कालखंड में पहुंचा करती
बाबूजी को याद किय करती है मन में
अक्सर भटका करती यादों के उपवन में
बूढी आँखों में ममता,वात्सल्य भरा है
मेरी माँ ,दुनिया की सबसे अच्छी माँ है

मादन मोहन बाहेती'घोटू' 

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