एक छोटी सी प्रार्थना
हे कमलनयन!
किसी कमल नयनी,सुकोमल,
सुमुखी सुंदरी के नयनों से,
मेरे नयन मिलवा दो
हे गिरिधारी!
अपने वक्श्थल पर,
द्वि गिरी धारण किये हुए,
यौवन से लदी,
किसी षोडसी कन्या से,
मेरा मिलन करवादो
हे चतुर्भुज!
किसी कोमल,कमनीय,
कमलनाल सी भुजाओं वाली,
कामिनी के करपाश में बंध कर,
मै भी चतुर्भुज हो जाऊं,एसा वर दो
हे हिरण्यमयी लक्ष्मी के नाथ,
किसी स्वर्णिम आभावाली,
स्वर्ण सुंदरी की स्वर्णिम मुस्कराहटों से,
मेरा जीवन भी स्वर्णिम कर दो
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
अपना सही पता दे......
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तू आसमां में हैलेकिन अपनासही पता दे।कौन जात है तेरीधर्म क्याभाषा और अपनाकरम
बता दे।हर कोई अपनी तरह पूजता।कोई सुंदर कोई कुरूप बूझता।मावस की रात मेंकहां
चांद...
2 घंटे पहले
बड़ी कठिन मांग है..देखें कब पूरी कब होती है..:)
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