मजबूरी
(घोटू के छक्के)
१
पत्नी से कहने लगे,घोटू कवि कर जोड़
आप हमी को डांटती,हैं क्यों सबको छोड़
हैं क्यों सबको छोड़,पलट कर पत्नी बोली
मै क्या करूं, तेज,तीखी है मेरी बोली
नौकर चाकर वाले घर में बड़ी हुई हूँ
बड़े नाज और नखरों से मै पली हुई हूँ
२
पत्नी जी कहने लगी,जा घोटू कवि पास
बतलाओ फिर निकालूँ,मन की कहाँ भड़ास
मन की कहाँ भड़ास,अगर डाटूं नौकर को
दो घंटे में छोड़,भाग जाएगा घर को
सुनू एक की चार,ननद से जो कुछ बोलूँ
तुम्ही बताओ ,बैठे ठाले,झगडा क्यों लूं
३
सास ससुर है सयाने,करते मुझसे प्यार
उनसे मै तीखा नहीं,कर सकती व्यवहार
करसकती व्यवहार,मम्मी बच्चों की होकर
अपने नन्हे मासूमों को डांटू क्यों कर
एक तुम्ही तो बचते हो जो सहते सबको
तुम्ही बताओ,तुम्हे छोड़ कर ,डाटूं किसको ?
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
Birth Certificate जन्म प्रमाण पत्र
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आज डिजीटल युग है मतलब ये कि आज हम अपने लगभग सभी कार्य कम्प्यूटर द्वारा कर
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आ...
9 मिनट पहले
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