आप आये जिंदगी में
इस चमन में अब बहारें,इस कदर छाने लगी है
चांदनी भी अब यहाँ पर,उतर,इतराने लगी है
आप आये ,जिंदगी में,फूल इतने खिल गए है,
खुशबुए हर तरफ से ही,प्यार की आने लगी है
कल तलक ग़मगीन सी थी,बड़ी ही बेचैन,बेकल,
जिंदगी,पुलकित प्रफुल्लित,आज मुस्काने लगी है
घुट रही थी मन ही मन में,सिसकती,चुपचाप थी,
बुलबुलें फिर से चमन में,गीत अब गाने लगी है
थे अधूरे आप भी और हम भी थे पूरे नहीं,
मिलन जब अपना हुआ तो पूर्णता आने लगी है
शीत की सिहरन गयी और तपन गर्मी की मिटी,
अब तो बारह मास ही,ऋतू बसंती छाने लगी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
तलाक-ए-अहसन प्रतिबन्धित नहीं - बॉम्बे हाई कोर्ट
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* (Shalini Kaushik Law Classes)*
*( तलाक-ए-अहसन प्रतिबन्धित नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट) *
*बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार (23 अप्रैल) को कहा कि मुस्लिम महिला (वि...
11 घंटे पहले
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