रिश्तों और जीवन में संतुलन का पाठ पढ़ाती गणित
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*रिश्तों और जीवन में संतुलन का पाठ पढ़ाती गणित*
बचपन से ही गणित से हमारा एक अजीब-सा रिश्ता रहा है। न जाने क्यों, इस विषय
में जितना गहराई से उतरने की कोशिश...
2 घंटे पहले
सार्थक पोस्ट है बधाई|
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संगीता जी |
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआभार ।।
आभार रविकर जी |
हटाएंउद्वेलित मन कि सुंदर अभिव्यक्ती ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ...
धन्यवाद आपका |
हटाएंआपका आभार शास्त्री जी |
जवाब देंहटाएंऐसा ही है ये मायावी संसार !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
anant ko bahut sundarta se paribhashit kiya hai apne...good
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